कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के अनुसार, हल्दी दूध: करक्यूमिन से भरपूर एक गर्म कप हल्दी दूध, अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है।
अदरक की चाय: अदरक की चाय का सेवन कंजेशन को कम करने और पाचन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, इस प्रकार प्रतिरक्षा समारोह का समर्थन करता है।
अजवाइन (कैरम सीड्स): अजवाइन को भोजन में शामिल करने या गर्म पानी के साथ इसका सेवन करने से पाचन में सहायता मिलती है और श्वसन स्वास्थ्य में सुधार होता है।
गिलोय: अक्सर इसे ‘चमत्कारिक जड़ी-बूटी’ कहा जाता है, शरीर से विषहरण करने और प्रतिरक्षा में सुधार करने की क्षमता के कारण गिलोय की सिफारिश की जाती है।
तुलसी (पवित्र तुलसी): ताजी तुलसी की पत्तियों को चबाने या उन्हें चाय में मिलाकर पीने से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं, जिनमें प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना और संक्रमण से लड़ना शामिल है।
आंवला (आंवला): विटामिन सी से भरपूर आंवला को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोजाना सेवन करने की सलाह दी जाती है।
नींबू और शहद: गर्म पानी में नींबू का रस और शहद का मिश्रण प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और जलयोजन में मदद करने में मदद कर सकता है।
दालचीनी: दालचीनी को आहार में शामिल करने से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है और यह अपने जीवाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है।
मेथी (मेथी): भीगे हुए मेथी के बीज चयापचय स्वास्थ्य और समग्र प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में सहायता कर सकते हैं।
नियमित व्यायाम और ध्यान: शारीरिक गतिविधि और सचेतन प्रथाओं को दैनिक दिनचर्या में शामिल करना एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।