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Sunday, June 22, 2025

144 तरह की दवाएं 100 गुना महंगी खरीदी, जिसने खरीदी वही कर रहा जांच

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सिर्फ उपकरण और रिएजेंट नहीं दवाओं की खरीदी में बड़ा गोलमाल।
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन ने दवाएं आधे दाम में खरीदी।
लोकल दवा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया यह घोटाला।


जितेंद्र सिंह दहिया, रायपुर- छत्तीसगढ़ दवा निगम (सीजीएमससी) में उपकरण और रिएजेंट घोटाले के बाद अब दवा खरीदी में भी घोटाला सामने आया है। वहीं, जिस अधिकारी ने इसकी खरीदी की है, उसी को इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा दे दिया गया है।

दरअसल, सीजीएमएससी ने बिना जांच किए ही 100 गुना अधिक दाम पर 100 करोड़ रुपये की दवाएं लोकल कंपनी 9 एम फार्मा से खरीदी थीं। इन्हीं दवाओं की खरीदी राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (आरएमएससीएल) ने आधे से भी कम दाम में की है।
यह सब लोकल दवा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। इस पूरे मामले की जांच के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दिए थे। वहीं, दवा निगम द्वारा जीएम टेक्निकल (मेडिसिन) हिरेन पटेल को इसकी जांच की जिम्मेदारी दी गई थी, जबकि उन्हीं के द्वारा उक्त खरीदी की गई है।
इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री के जांच के निर्देश के 10 दिन बाद ही कंपनी को पूरा भुगतान भी कर दिया गया। बता दें कुछ इसी तरह रिएजेंट और उपकरण खरीदी में मोक्षित कार्पोरेशन को सीजीएमएससी के अधिकारियों ने फायदा पहुंचाया था।
खरीदी की जांच के संबंध में पत्र मंत्रालय से प्राप्त हुआ था। उसकी जांच में क्या रिपोर्ट आई इसकी जानकरी मुझे नहीं है। मैं जांच करके बता पाउंगी। – पद्मिनी भोई साहू, एमडी, सीजीएमएससी
10 दिन में मांगी थी जांच रिपोर्ट, तीन माह बीते
सामाजिक कार्यकर्ता श्याम अवतार केडिया की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्री ने 25 अक्टूबर 2024 को प्रबंध संचालक को जांच कर 10 दिन मे रिपोर्ट देने का निर्देशित किया था। प्रबंध संचालक ने आरोपित महाप्रबंधक तकनीकी हिरेन पटेल को ही जांच करने के लिए निर्देशित कर दिया।
इसके पूर्व एएनजी लाइफ साइंसेस कंपनी के आयकर विभाग के नोटिस की अवहेलना वाले मामले मे भी इन्हीं आरोपित अधिकारी को अपनी ही जांच करने के निर्देश प्रबंध संचालक द्वारा दे दिए थे।

यह है तकनीकी महाप्रबंधन की जिम्मेदारी
ऐसे में क्रय समिति में मौजूद तकनीकी महाप्रबंधक (मेडिसिन) हिरेन पटले की जिम्मेदारी थी कि अन्य दवा निगम की प्रचलित दरों का मिलान करें। उक्त कंपनी द्वारा भरी गई सिंगल बिड के तर्कसंगत होने की पुष्टि करें।
मगर, अधिकारियों ने बिना जांचे ही मनमाने दर पर रेट कांट्रेक्ट कर दिया। कंपनी से कुल 132 करोड़ की खरीदी गई। उक्त उपकरण और दवाएं 20 करोड़ अधिक में खरीदी हुई।
अधिक दाम में की गई खरीदी भी जांच के दायरे में है। 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। अभी तक जांच के संबंध में कोई पत्रचार सीजीएमएससी से नहीं हुआ है। इसकी जानकारी ली जाएगी। – श्याम विहारी जायसवाल, मंत्री, स्वास्थ्य विभाग

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