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Sunday, June 22, 2025

सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं 2025-26 सत्र से साल में दो बार आयोजित की जाएंगी

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कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, एक महत्वपूर्ण कदम में, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने घोषणा की है कि 2025-26 शैक्षणिक सत्र से शुरू होकर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो बार आयोजित की जाएंगी। एक साल। इस निर्णय का उद्देश्य छात्रों को अपने शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रदर्शित करने और बेहतर अंक हासिल करने की संभावनाओं में सुधार करने के लिए अधिक अवसर प्रदान करना है।
नया परीक्षा पैटर्न छात्रों को दो सत्रों – टर्म 1 और टर्म 2 में परीक्षा देने की सुविधा प्रदान करेगा। टर्म 1 की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में होगी, जबकि टर्म 2 की परीक्षा मार्च-अप्रैल में होगी। इस बदलाव से छात्रों पर तनाव कम होने और उन्हें पूरे साल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
मुख्य परिवर्तन
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो सत्रों में आयोजित की जाएंगी:
टर्म 1 (नवंबर-दिसंबर) और टर्म 2 (मार्च-अप्रैल)
प्रत्येक सत्र के लिए पाठ्यक्रम को दो बराबर भागों में विभाजित किया जाएगा

प्रश्न पत्रों में टर्म 1 में बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) होंगे और टर्म 2 में एमसीक्यू और व्यक्तिपरक प्रश्नों का मिश्रण होगा।

टर्म 1 परीक्षा 90 मिनट की अवधि की होगी, जबकि टर्म 2 परीक्षा 2-3 घंटे की अवधि की होगी

अंतिम परिणाम के लिए दोनों सत्रों में प्राप्त अंकों पर विचार किया जाएगा

छात्रों के लिए लाभ
पाठ्यक्रम को दो शब्दों में विभाजित करने से तनाव और दबाव कम हुआ

यदि वे पहले कार्यकाल में खराब प्रदर्शन करते हैं तो दूसरे कार्यकाल में प्रदर्शन में सुधार करने का अवसर

एमसीक्यू और व्यक्तिपरक प्रश्नों सहित विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का अनुभव

पूरे वर्ष निरंतर मूल्यांकन से बेहतर तैयारी में मदद मिलती है

सीबीएसई ने यह भी घोषणा की है कि प्रत्येक सत्र के पाठ्यक्रम को दो समान भागों में विभाजित किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि छात्रों पर पूरे वर्ष संतुलित कार्यभार रहेगा। प्रश्न पत्रों में भी बदलाव होंगे, टर्म 1 परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) होंगे और टर्म 2 परीक्षा में एमसीक्यू और व्यक्तिपरक प्रश्नों का मिश्रण होगा।
इस नए परीक्षा पैटर्न से शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे छात्रों को उत्कृष्टता प्राप्त करने के अधिक अवसर मिलेंगे और पारंपरिक बोर्ड परीक्षा प्रणाली से जुड़े तनाव में कमी आएगी। सीबीएसई ने इस बात पर जोर दिया है कि दोनों सत्रों में प्राप्त अंकों को अंतिम परिणाम के लिए माना जाएगा, जिससे छात्रों को पूरे वर्ष लगातार प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

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