कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने आगामी सीजन में खरीफ धान क्षेत्र के 25% को जलवायु-अनुकूल बीजों से कवर करने का लक्ष्य रखा है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में मदद करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सरकार ने कई जलवायु-लचीली धान की किस्मों की पहचान की है जो सूखे, बाढ़ और उच्च तापमान जैसी चरम मौसम स्थितियों का सामना कर सकती हैं। इन किस्मों को अनुसंधान संस्थानों द्वारा विकसित किया गया है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रचारित किया जा रहा है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों को रियायती दरों पर जलवायु-अनुकूल बीजों के वितरण के लिए धन आवंटित किया है। बीज राज्य बीज निगमों और राष्ट्रीय बीज निगम के नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस कदम से लाखों छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होने की उम्मीद है जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं। जलवायु-अनुकूल बीजों को अपनाकर, किसान फसल की विफलता के जोखिम को कम कर सकते हैं और अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं, जिससे उनकी आय और आजीविका में सुधार होगा।
सरकार की पहल कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की उसकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इसने जलवायु परिवर्तन के अनुकूल किसानों को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसे अन्य कार्यक्रम भी शुरू किए हैं।
सरकार ने खरीफ धान की खेती के 25% क्षेत्र को जलवायु-लचीला बीज किस्मों के तहत लाने का लक्ष्य रखा है।
