कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, भौम प्रदोष व्रत, एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान, हर महीने में दो बार शुक्ल पक्ष (उज्ज्वल पखवाड़ा) और कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) की त्रयोदशी (13 वें दिन) को मनाया जाता है। इस वर्ष भौम प्रदोष व्रत 11 जून 2024 को मनाया जाएगा।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भौम प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव और देवी पार्वती की एक साथ पूजा करने से दंपत्ति को कई लाभ मिल सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पति-पत्नी के बीच के बंधन को मजबूत करता है, परिवार में सद्भाव को बढ़ावा देता है और समृद्ध जीवन की ओर ले जाता है।
लेख में भौम प्रदोष व्रत अनुष्ठान को एक साथ करने के महत्व पर जोर दिया गया है, क्योंकि इसे जोड़े द्वारा किए जाने पर अधिक शुभ और लाभकारी माना जाता है। अनुष्ठान में उपवास, प्रार्थना करना और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना शामिल है।
इस व्रत का पालन करके, जोड़े एक सुखी और सफल विवाह, बच्चों के जन्म और परिवार की समग्र भलाई के लिए आशीर्वाद मांग सकते हैं। यह लेख पाठकों को इसके आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभों को प्राप्त करने के लिए भौम प्रदोष व्रत से जुड़ी परंपराओं और अनुष्ठानों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
भौम प्रदोष व्रत 2024: वैवाहिक सुख के लिए जोड़ों को एक साथ पूजा करनी चाहिए।
