कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, वह चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और रूसी प्रधान मंत्री मिखाइल मिशुस्टिन जैसे नेताओं के साथ प्रधान मंत्री शहबाज़ शरीफ द्वारा आयोजित एक स्वागत रात्रिभोज में शामिल होंगे।
संक्षिप्त यात्रा: भारत लौटने से पहले जयशंकर के पाकिस्तान में 24 घंटे से कम समय बिताने की उम्मीद है।
सुरक्षा उपाय: एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारी में, पंजाब सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 17 अक्टूबर तक रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी है। अतिरिक्त सुरक्षा उपायों में अदियाला जेल में कड़ी सुरक्षा शामिल है, जहां पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान कैद हैं, जिससे परिवार, समर्थकों या वकीलों की किसी भी मुलाकात पर रोक लगाई जा सके।
सेना की तैनाती: शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तानी सेना को 15-17 अक्टूबर तक इस्लामाबाद में तैनात किया गया है। इसके अलावा, रावलपिंडी और इस्लामाबाद में सभी विवाह हॉल, रेस्तरां और कैफे पांच दिनों के लिए बंद रहेंगे।
चेतावनियाँ जारी की गईं: पुलिस ने व्यापारियों और होटल मालिकों को प्रतिबंधों के बारे में सचेत किया है, यह संकेत देते हुए कि उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत-पाकिस्तान संबंधों के संबंध में चर्चा करना नहीं है, बल्कि एससीओ के “अच्छे सदस्य” के रूप में अपनी भूमिका निभाना है। उन्होंने कहा, “मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं…मैं अपना व्यवहार खुद रखूंगा।”