कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, अनुष्ठान और प्रसाद
नवरात्रि की पूर्व संध्या पर, किन्नर विशेष पूजा समारोह आयोजित करने के लिए इकट्ठा होते हैं। वे अपने अनुष्ठानों के हिस्से के रूप में विभिन्न वस्तुओं की पेशकश करते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे समुदाय में आशीर्वाद और समृद्धि लाते हैं। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक उत्सवों में उनकी भूमिका को प्रदर्शित करता है बल्कि धार्मिक प्रथाओं में विभिन्न सामाजिक समूहों की समावेशिता पर भी जोर देता है।
सांस्कृतिक महत्व
इन अनुष्ठानों में किन्नरों की भागीदारी एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा को दर्शाती है जहां उन्हें त्योहारों के दौरान शुभ व्यक्तियों के रूप में देखा जाता है। उनकी भागीदारी अक्सर उर्वरता और समृद्धि के आशीर्वाद से जुड़ी होती है, जिससे उनकी उपस्थिति उत्सव का एक अभिन्न अंग बन जाती है।
जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आता है, किन्नरों द्वारा की जाने वाली गतिविधियां उन विविध रीति-रिवाजों की याद दिलाती हैं जो जगदलपुर में नवरात्रि उत्सव को समृद्ध बनाते हैं। परंपरा और सामुदायिक भागीदारी का यह मिश्रण सांस्कृतिक समारोहों में समावेशिता के महत्व पर प्रकाश डालता है, जिससे सभी प्रतिभागियों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा मिलता है।
जगदलपुर में शारदीय नवरात्रि के एक दिन पहले एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जहां किन्नर अनुष्ठान करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। यह प्रथा स्थानीय रीति-रिवाजों में गहराई से निहित है और त्योहार के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालती है।
