कॉइन मीडिया न्यूज समूह के सूत्रों के अनुसार, यह अभियान, जिसमें विभिन्न इलाकों में एक चुनौतीपूर्ण यात्रा शामिल थी, एक औपचारिक कार्यक्रम में समाप्त हुआ जहां भारत के सबसे दक्षिणी छोर इंदिरा पॉइंट पर पानी के नीचे भारतीय तिरंगे को फहराया गया।
अभियान की मुख्य विशेषताएं
ऐतिहासिक यात्रा: अभियान सियाचिन ग्लेशियर से शुरू हुआ, जो अपनी चरम मौसम स्थितियों और ऊबड़-खाबड़ परिदृश्य के लिए जाना जाता है। इस कठिन इलाके को पार करते समय टीम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
औपचारिक ध्वजारोहण: इंदिरा प्वाइंट पर पहुंचने पर, सैनिकों ने पानी के नीचे राष्ट्रीय ध्वज का औपचारिक ध्वजारोहण किया, जो भारत की संप्रभुता और अपनी सीमाओं की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
महत्व: यह अभियान न केवल प्रादेशिक सेना की क्षमताओं और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करता है, बल्कि देश की अखंडता की रक्षा में भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों को श्रद्धांजलि भी देता है।
इस अभियान का सफल समापन प्रादेशिक सेना के सदस्यों के बीच साहस और देशभक्ति की भावना को रेखांकित करता है, जो रक्षा और सामुदायिक जुड़ाव दोनों में उनकी भूमिका को उजागर करता है।
प्रादेशिक सेना ने सियाचिन ग्लेशियर से इंदिरा पॉइंट तक अपना उद्घाटन अभियान सफलतापूर्वक आयोजित किया है, जो इसके इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
