कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने अपने उस बयान से विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जनसांख्यिकीय बदलावों के कारण भारत को गृहयुद्ध का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान की गई उनकी टिप्पणियों की विभिन्न राजनीतिक हस्तियों और सामाजिक टिप्पणीकारों ने तीखी आलोचना की है।
विजयवर्गीय ने देश में बदलती जनसांख्यिकी के बारे में चिंता व्यक्त की, जिसका अर्थ है कि इन परिवर्तनों से महत्वपूर्ण सामाजिक अशांति हो सकती है। उनके बयान ने भारत में जनसांख्यिकीय बदलाव के निहितार्थ, विशेष रूप से सांप्रदायिक संबंधों और राष्ट्रीय एकता के संदर्भ में, एक गर्म बहस छेड़ दी है।
विपक्षी नेताओं ने उनकी टिप्पणियों की निंदा की है और उन पर समुदायों के बीच भय और विभाजन भड़काने का आरोप लगाया है। उनका तर्क है कि इस तरह के बयान गैर-जिम्मेदाराना हैं और पहले से ही ध्रुवीकृत समाज में तनाव बढ़ा सकते हैं।
प्रतिक्रिया के जवाब में, विजयवर्गीय ने अपनी टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि वह केवल एक गंभीर मुद्दे को उजागर कर रहे थे जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता थी। उन्होंने राष्ट्र की स्थिरता और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को संबोधित करने के महत्व पर जोर दिया।
विजयवर्गीय की टिप्पणी से जुड़ा विवाद भारत में जनसांख्यिकी, पहचान और सामाजिक एकजुटता पर व्यापक चर्चा को दर्शाता है, जिससे देश में सांप्रदायिक संबंधों के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।