कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, रक्षाबंधन नजदीक आते ही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में चांदी की राखियों की मांग बढ़ गई है। इस वर्ष, त्योहार परंपरा और समकालीन शैली के सही मिश्रण का जश्न मनाता है, जिसमें अधिक से अधिक लोग क्लासिक राखी डिजाइनों के इन सुरुचिपूर्ण और आधुनिक विकल्पों को चुन रहे हैं।
चाँदी की राखियों का आकर्षण
चांदी की राखियों ने बिलासपुर में लोगों का ध्यान खींचा है, जो पारंपरिक राखी में एक अनूठा बदलाव पेश करती है। सटीकता और कौशल से तैयार किए गए इन जटिल डिजाइनों में नाजुक पैटर्न और रूपांकन हैं जो सदियों पुराने अनुष्ठान में परिष्कार का स्पर्श जोड़ते हैं।
कीमतें और रुझान
बिलासपुर सर्राफा बाजार में चांदी की राखियों की कीमत डिजाइन और शिल्प कौशल के आधार पर 200 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक है। बाजार में सोने और चांदी की कीमत स्थिर बनी हुई है, सोने की कीमत लगभग ₹60,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत लगभग ₹75,000 प्रति किलोग्राम है।
परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण
चांदी की राखियों की लोकप्रियता युवा पीढ़ी की बढ़ती प्राथमिकताओं को उजागर करती है, जो समकालीन स्वभाव को जोड़ते हुए रक्षा बंधन के सार को बनाए रखना चाहते हैं। ये राखियाँ बदलते समय के अनुरूप ढलने की परंपरा की क्षमता के प्रमाण के रूप में काम करती हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि त्योहार सभी के लिए प्रासंगिक और आकर्षक बना रहे।
भाई-बहन के प्यार का जश्न
रक्षा बंधन एक प्रिय त्योहार है जो भाइयों और बहनों के बीच अटूट बंधन का जश्न मनाता है। चाहे पारंपरिक हो या आधुनिक, राखियों का आदान-प्रदान इसी प्रेम और सुरक्षा के वादे का प्रतीक है। चूंकि बिलासपुर के लोग चांदी की राखियों के चलन को अपना रहे हैं, इसलिए वे बदलते समय को स्वीकार करते हुए त्योहार की भावना को बरकरार रखते हैं।
चांदी की राखियों ने बिलासपुर में लोकप्रियता हासिल की क्योंकि परंपरा फैशन से मिलती है
