कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, बिलासपुर में ममता मौली धागे से पारंपरिक राखी बनाकर उसमें अनोखा ट्विस्ट ला कर तहलका मचा रही हैं। इस पहल का उद्देश्य स्वदेशी सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देते हुए भारतीय संस्कृति को एक नया आयाम देना है।
परंपरा और स्थिरता पर जोर देना
मौली धागे का उपयोग करके ममता की राखियों का निर्माण न केवल परंपरा के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाता है, बल्कि स्थिरता पर भी जोर देता है। मौली धागा, जो अक्सर धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है, पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है, जो इसे रक्षा बंधन के पवित्र त्योहार के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाता है।
स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देना
अपने प्रयासों से, ममता आस-पास के क्षेत्रों से सामग्री मंगवाकर स्थानीय कारीगरों का भी समर्थन कर रही हैं। यह पहल न केवल पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करने में मदद करती है बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक अवसर भी प्रदान करती है।
सांस्कृतिक महत्व
मौली धागा राखी इसे चुनने वालों के बीच जुड़ाव और सांस्कृतिक गौरव की भावना को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। इस अनोखी राखी को बढ़ावा देकर, ममता दूसरों को अपने उत्सवों में पारंपरिक प्रथाओं और सामग्रियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करती हैं।
ममता ने मौली धागा राखी के साथ भारतीय संस्कृति का नवाचार किया
