कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सड़क किनारे बगीचे के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसने काफी ध्यान आकर्षित किया है। अदालत का निर्णय क्षेत्र में सड़कों के किनारे बगीचों की स्थापना और रखरखाव से संबंधित कानूनी विवादों को संबोधित करता है।
अपने फैसले में, उच्च न्यायालय ने संपत्ति मालिकों और स्थानीय निवासियों के अधिकारों पर विचार करते हुए शहरी क्षेत्रों में हरियाली और सौंदर्य अपील बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। इस फैसले का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और शहरी विकास के बीच संतुलन बनाना है।
अदालत के फैसले का स्थानीय अधिकारियों पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह सड़क के किनारे उद्यानों के विकास और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों की रूपरेखा तैयार करता है। यह यह सुनिश्चित करने के लिए उचित योजना और कार्यान्वयन की आवश्यकता को रेखांकित करता है कि ये हरित स्थान व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन किए बिना समुदाय को प्रभावी ढंग से सेवा प्रदान करें।
इस फैसले से सड़क के किनारे के बगीचों से संबंधित भविष्य की परियोजनाओं का मार्गदर्शन करने और क्षेत्र के समग्र परिदृश्य को बढ़ाने में योगदान देने की उम्मीद है। उच्च न्यायालय का रुख पर्यावरण को संरक्षित करते हुए सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सड़क किनारे बगीचे के मामले में, उच्च न्यायालय ने व्यक्तियों को संबंधित विभाग में शिकायत दर्ज करने की सलाह दी।
