कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, आपराधिक मामलों में जांच क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एम्स रायपुर में एक नई नार्को-परीक्षण सुविधा स्थापित की गई है। इस सुविधा का उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नार्को-विश्लेषण परीक्षण करने में सहायता करना है, जो जांच के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकती है।
इस सुविधा के शुरू होने से क्षेत्र में आपराधिक जांच की दक्षता और प्रभावशीलता में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। नार्को-विश्लेषण परीक्षण नियंत्रित परिस्थितियों में आयोजित किए जाते हैं, जहां व्यक्तियों को एक ऐसी दवा दी जाती है जो सुझाव की स्थिति उत्पन्न करती है, जिससे संभावित रूप से चल रहे मामलों से संबंधित जानकारी का खुलासा हो सकता है।
अधिकारियों का मानना है कि यह सुविधा न केवल जटिल मामलों को सुलझाने में मदद करेगी बल्कि लंबित जांचों के बैकलॉग को कम करने में भी मदद करेगी। नार्को-परीक्षण सुविधा की स्थापना कानून प्रवर्तन एजेंसियों की फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है।
इस विकास के साथ, एम्स रायपुर न्याय प्रणाली का समर्थन करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक सक्रिय कदम उठा रहा है कि जांच अत्यंत सटीकता और विश्वसनीयता के साथ की जाए। इस सुविधा का उपयोग छत्तीसगढ़ और उसके बाहर विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किए जाने की उम्मीद है, जो इस क्षेत्र में फोरेंसिक विज्ञान में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।
रायपुर एम्स ने नार्को-टेस्ट सुविधा शुरू की है, जिससे इस जांच प्रक्रिया के लिए दूसरे राज्यों की यात्रा करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
