कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, हाल ही में संसदीय सत्र के दौरान, छत्तीसगढ़ के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नेतृत्व की भूमिकाओं में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के प्रतिनिधित्व के संबंध में महत्वपूर्ण सवाल उठाए। उन्होंने विशेष रूप से पूछा कि विपक्ष के नेता का पद इन समुदायों के किसी सदस्य को क्यों नहीं दिया गया।
अग्रवाल की टिप्पणी बजट वक्तव्य पर चर्चा के बीच आई, जहां उन्होंने राजनीतिक नेतृत्व में समावेशिता और प्रतिनिधित्व के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक गतिशीलता की आलोचना करते हुए सुझाव दिया कि प्रमुख पदों पर एससी-एसटी नेताओं की कमी राजनीतिक ढांचे के भीतर व्यापक मुद्दों को दर्शाती है।
संसद में चर्चा में विभिन्न बजटीय आवंटन और राज्य के विकास पर उनके प्रभाव पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। अग्रवाल की टिप्पणियाँ मौजूदा राजनीतिक तनाव और शासन में न्यायसंगत प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं।
बृजमोहन ने संसद में सवाल उठाया कि एससी-एसटी समुदाय के सदस्य को विपक्ष का नेता क्यों नहीं नियुक्त किया गया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्य अपनी बुद्धि खो चुके हैं
