कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की हालिया बैठक में भारतीय क्रिकेट टीम के अगले कप्तान के चयन पर तीखी बहस देखने को मिली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूर्यकुमार यादव पर खिलाड़ियों के भरोसे के कारण आखिरकार उन्हें हार्दिक पंड्या की जगह इस प्रतिष्ठित पद के लिए चुना गया।
यह निर्णय आसान नहीं था, क्योंकि सूर्यकुमार और हार्दिक दोनों ने मैदान पर अपनी क्षमता साबित की है और मजबूत नेतृत्व गुणों का प्रदर्शन किया है। हालाँकि, टीम का मार्गदर्शन करने की सूर्यकुमार की क्षमता पर खिलाड़ियों का भरोसा और टीम के सदस्यों के साथ उनका तालमेल उनके पक्ष में रहा।
बीसीसीआई के एक करीबी सूत्र ने एनडीटीवी स्पोर्ट्स को बताया, “यह सूर्यकुमार और हार्दिक के बीच करीबी बातचीत थी, लेकिन सूर्यकुमार के नेतृत्व में खिलाड़ियों के भरोसे और टीम के सदस्यों के साथ उनके तालमेल ने अंतर पैदा किया।”
बहस तीव्र थी, सूर्यकुमार और हार्दिक दोनों के समर्थकों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए मजबूत दावे किए। बीसीसीआई के सदस्यों ने किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले प्रत्येक खिलाड़ी के फायदे और नुकसान पर ध्यानपूर्वक विचार किया।
हाल के वर्षों में सूर्यकुमार के लगातार अच्छे प्रदर्शन, दबाव की स्थिति को संभालने की उनकी क्षमता और मैदान पर उनके शांत व्यवहार ने उन्हें प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच पसंदीदा बना दिया है। कप्तान के रूप में उनके चयन को भारतीय क्रिकेट टीम में उनके बढ़ते कद के प्रमाण के रूप में देखा जाता है।
दूसरी ओर, हार्दिक भी भारत के लिए एक प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में गुजरात टाइटंस की कप्तानी करते हुए अपना नेतृत्व कौशल दिखाया है। हालाँकि, उनकी हालिया चोट की चिंताओं और टीम के लिए दीर्घकालिक कप्तान की आवश्यकता ने निर्णय में भूमिका निभाई होगी।
सूर्यकुमार को नया कप्तान नियुक्त करने के बीसीसीआई के फैसले को प्रशंसकों और विशेषज्ञों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। जहां कुछ का मानना है कि वह सही विकल्प हैं, वहीं दूसरों का मानना है कि हार्दिक बेहतर विकल्प होते।
हार्दिक पंड्या की जगह सूरजकुमार यादव बने कप्तान, बीसीसीआई बैठक में हुई तीखी बहस
