कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को NEET-UG 2024 परीक्षाओं को लेकर नए विवाद का सामना करना पड़ा है। हरियाणा के बहादुरगढ़ में हरदयाल पब्लिक स्कूल के अभिभावक परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों की गड़बड़ी के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए आगे आए हैं।
गलत प्रश्न पत्र वितरण: बहादुरगढ़ केंद्र में छात्रों को शुरू में पेपर के दो सेट प्रदान किए गए थे: क्यूआरएसटी और एमएनओपी। हालाँकि, एक प्रशासनिक निरीक्षण के कारण, छात्रों को निर्दिष्ट क्यूआरएसटी पेपर के बजाय बैकअप पेपर (एमएनओपी) वितरित किया गया था।
समय की हानि: जब अधिकारियों को गलती का एहसास हुआ, तो उन्होंने प्रश्न पत्रों के प्राथमिक सेट को वापस ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के समय की हानि हुई। इसके बावजूद पेपर निर्धारित समय पर खत्म हो गया और प्रशासन द्वारा पैदा की गई उलझन की भरपाई के लिए छात्रों को अतिरिक्त समय नहीं मिला।
याचिका दायर: माता-पिता और छात्रों ने मूल्यांकन में निष्पक्षता और समानता के बारे में तत्काल चिंता जताई, जिससे कानूनी कार्रवाई हुई। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि गलत पेपर वितरण ने भारतीय संविधान की धारा 14 के तहत समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।
राजस्थान में भी ऐसी ही घटना: इसी तरह का मामला राजस्थान के सवाई माधवपुर में एक केंद्र पर हुआ, जहां छात्रों को अनजाने में शिक्षा के एक अलग माध्यम के लिए प्रश्न पत्र प्राप्त हुए। हालाँकि, इस केंद्र के प्रशासन ने गलती को सुधार लिया और उसी दिन शाम 6 बजे पेपर दोबारा आयोजित किया।
एनटीए की प्रतिक्रिया: एनटीए ने परीक्षा पत्र लीक होने के किसी भी आरोप से सख्ती से इनकार किया है। इन घटनाक्रमों के जवाब में, एनटीए से निष्पक्ष समाधान और जवाबदेही की मांग करते हुए देश भर की अदालतों में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
NEET-UG 2024 परीक्षाओं को लेकर हुए विवाद ने मूल्यांकन प्रक्रिया की निष्पक्षता और अखंडता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रश्नपत्रों के गलत प्रबंधन और भ्रम की भरपाई के लिए अतिरिक्त समय की कमी के कारण छात्रों और अभिभावकों में व्यापक असंतोष है।