कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में सात पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं, जो सरकार के भीतर अनुभव और नेतृत्व की प्रचुरता को रेखांकित करते हैं। ये अनुभवी राजनेता राज्य-स्तरीय शासन और आम लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों की गहरी समझ रखते हैं।
इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को शामिल करने से क्षेत्रीय चिंताओं को दूर करने और नीतियों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की सरकार की क्षमता मजबूत होने की उम्मीद है। कैबिनेट में उनकी उपस्थिति नए मंत्रियों को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन भी प्रदान करेगी, जिससे शासन में एक सुचारु परिवर्तन और निरंतरता सुनिश्चित होगी।
मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले सात पूर्व मुख्यमंत्री हैं:
शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश)
रमन सिंह (छत्तीसगढ़)
वसुन्धरा राजे (राजस्थान)
रघुबर दास (झारखंड)
बिप्लब कुमार देब (त्रिपुरा)
सर्बानंद सोनोवाल (असम)
विजय रुपाणी (गुजरात)
इन नेताओं के पास अपने-अपने राज्यों की सेवा करने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है और उन्होंने भाजपा की चुनावी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंत्रिमंडल में उनका शामिल होना उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और पार्टी नेतृत्व द्वारा उन पर जताए गए भरोसे का प्रमाण है।
कैबिनेट में इन पूर्व मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी से क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने और देश भर में संतुलित विकास सुनिश्चित करने की सरकार की क्षमता बढ़ने की उम्मीद है। उनका अनुभव और विशेषज्ञता राष्ट्र की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने वाली नीतियों और रणनीतियों को आकार देने में अमूल्य होगी।
सात पूर्व मुख्यमंत्री मोदी की नई मंत्रिपरिषद में शामिल हुए
