कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया कि वह राज्य के मुकदमे की कार्यवाही के दौरान केंद्र या पश्चिम बंगाल सरकार की राजनीतिक दलीलों पर विचार नहीं करेगा। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि राज्य द्वारा सामान्य सहमति वापस लेने के बावजूद सीबीआई ने अपनी जांच जारी रखी।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि वे पूरी तरह से एक कानूनी मुद्दे को संबोधित कर रहे थे और किसी भी पक्ष को राजनीतिक चर्चा में शामिल होने की अनुमति नहीं देंगे।
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।