25.5 C
Bhilai
Thursday, June 19, 2025

MP OBC Reservation: पांच वर्ष से अटका है ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का मामला

Must read

प्रदेश में साढ़े पांच हजार पदों पर नहीं हो पा रही नियुक्ति।
हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त होने के बाद शासन लेगा निर्णय।
ओबीसी आरक्षण मामले में हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला।

राज्य ब्यूरो, भोपाल। यूथ फार इक्वलिटी संस्था की 27 प्रतिशत ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका को जबलपुर हाईकोर्ट ने मंगलवार को निरस्त कर दिया। इससे 13 प्रतिशत रोककर रखे गए पदों पर भर्ती हो सकेगी।

इसकी प्रक्रिया क्या रहेगी, ओबीसी या सामान्य किस वर्ग से भर्ती की जाएगी, यह शासन हाईकोर्ट के निर्णय पर विधि एवं विधायी विभाग के अभिमत पर तय करेगा। बता दें कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मामला पांच वर्ष से अटका हुआ है।

प्रदेश में आरक्षण 63 प्रतिशत हो जाएगा
इस आरक्षण को मिलाकर प्रदेश में आरक्षण 63 प्रतिशत हो जाएगा। वैसे, इंदिरा साहनी मामले में वर्ष 2009 में संविधान पीठ ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित कर रखी है।

राज्य की तत्कालीन कमल नाथ सरकार ने वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत लाभ उठाने के उद्देश्य से विधानसभा में संशोधन विधेयक प्रस्तुत करके शासकीय नौकरियों में ओबीसी आरक्षण की सीमा को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। इससे प्रदेश में आरक्षण 63 प्रतिशत हो गया।

हाईकोर्ट में दी गई थी चुनौती
इसके पहले अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 20, अनुसूचित जाति के लिए 16 और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण सीमा 14 प्रतिशत थी। आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक होने के कारण इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और 20 जनवरी 2020 को 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी गई, तब से ही मामला अटका हुआ था।

भर्तियां नहीं हो रही थीं। इसे देखते हुए तत्कालीन महाधिवक्ता ने सामान्य प्रशासन विभाग को 26 अगस्त 2021 को अभिमत दिया और कोर्ट को अवगत कराया कि 13 प्रतिशत पद रोककर नियुक्ति दी जाएंगी। जीएडी के आदेश पर दो सितंबर 2021 से शेष 13 प्रतिशत के लिए दो सूचियां बनाई गईं

एक ओबीसी की और एक अनारक्षित वर्ग की ताकि जब भी निर्णय हो तो उसके अनुसार नियुक्तियां देने में ज्यादा समय न लगे। तब से यही क्रम चला आ रहा था। इस फार्मूले के कारण लगभग साढ़े पांच हजार पदों पर नियुक्तियां अटकी हुई हैं।

इसमें 2,400 उपयंत्रियों सहित कर्मचारी चयन मंडल के अन्य पद भी शामिल हैं। इसी तरह राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होने वाली भर्ती के पद भी रुके हुए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे का कहना है कि अभी हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।

इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है, जिन 13 प्रतिशत पदों पर नियुक्तियां रोकी गई थीं, उन पर किसे नियुक्ति मिलेगी। आदेश प्राप्त होने पर उसे विधि एवं विधायी विभाग को भेजकर अभिमत लेने के बाद सरकार के स्तर से नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest article