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Thursday, June 19, 2025

Anti Naxal Operation: पांच राज्यों की फोर्स के ज्वाइंट ऑपरेशन के जाल में फंसे नक्सली

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छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ ज्वाइंट ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में घेर लिया है। नक्सली अब आत्मसमर्पण या मुठभेड़ में मारे जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं देख पा रहे हैं।


सुरक्षा बलों का ज्वाइंट ऑपरेशन, नक्सलियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में घेरा।
नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में सुरक्षा बलों को मिली कई सफलताएं।
केंद्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान तेज।

अंतरराज्यीय सीमाओं पर सुरक्षा बलों के संयुक्त ऑपरेशन में नक्सली फंस गए हैं। अब इनके सामने दो ही रास्ते बचे हैं। वे आत्मसमर्पण करें या मुठभेड़ में गोली खाकर जान दें। छत्तीसगढ़ से लगे तेलंगाना, आंध्र, ओडिशा और महाराष्ट्र में भी जवान अलर्ट पर है।

जब नक्सली यहां से सेफ कॉरिडोर तैयार कर सीमा के आसपास पहुंचते हैं तो उन्हें सीमावर्ती राज्यों की फोर्स घेरकर ढेर कर देती है। विगत 21 जनवरी को गरियाबंद में हुई मुठभेड़ इसका ताजा उदाहरण है। इस वर्ष के विगत 22 दिनों में ही ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र सीमा पर 48 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है।

सुरक्षा बलों ने सीमाई क्षेत्रों से नक्सलियों के वह हर ठिकाने ढूंढ निकाले हैं, जो अभी तक पहेली बने हुए थे। अक्टूबर-2024 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सहित आठ राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ नक्सलवाद को समाप्त करने की रणनीति बनाई थी।

2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य

उन्होंने लक्ष्य निर्धारित किया था कि 31 मार्च 2026 तक देश के सभी हिस्सों से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। सीआरपीएफ और इसकी विशेष इकाई कोबरा, डीआरजी व राज्यों की पुलिस सहित 15 टास्क फोर्स केंद्रीय गृहमंत्री के भरोसे को पूरा करने में जुटी हैं।

दूसरे राज्यों में भागने में सफल नहीं हो पाते
शाह पिछले वर्ष अक्टूबर से अब तीन बार राज्य का दौरा कर नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त करने की रणनीति बना चुके हैं।

नक्सल ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बल के जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं, जिससे नक्सली दूसरे राज्यों में भागने में सफल नही हो पा रहे हैं।

सुरक्षा कैंपों में लगातार बढ़ोतरी
प्रदेश के नक्सल क्षेत्रों में सुरक्षा कैंपों की लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष-2019 तक 290 कैंप अर्द्ध सैनिक सुरक्षा बलों के थे। वर्ष-2024 में 58 नए कैंप विभिन्न इलाकों में खोले गए थे। इस वर्ष 88 कैंप खोले जाने की तैयारी है।

इस वर्ष की मुठभेड़ और मारे गए नक्सली
तीन जनवरी : ओडिशा से सटे गरियाबंद जिले के सोरनामाल जंगल में तीन नक्सली ढेर।
चार जनवरी : दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर अबूझमाड़ में पांच नक्सली ढेर।
नौ जनवरी : तेलंगाना से सटे सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर हुए तीन नक्सली मारे गए।
12 जनवरी : बीजापुर के मद्देड़ में हुई मुठभेड़ में जवानों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया।
16 जनवरी : बीजापुर-तेलंगाना सीमा के पुजारी कांकेर के पास जंगल में 18 नक्सली ढेर।
21 जनवरी : छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर गरियाबंद जिले में 16 नक्सलियों को मार गिराया।


ज्वाइंट टास्क फोर्स से मिल रही सफलता

छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। हम राज्यों की सीमा में ज्वाइंट टास्क फोर्स के माध्यम से लगातार सफलता प्राप्त कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में लगातार नक्सलवाद के खिलाफ अभियान छेड़ रखे हैं। – विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री, छत्तीसगढ़

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