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Saturday, June 21, 2025

NASA की डराने वाली भविष्यवाणी! 23000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा खतरा

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Asteroid Earth Collision Alert: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एस्ट्रॉयड को लेकर अलर्ट जारी किया है, जो 25 जनवरी को धरती के पास से गुजरेगा। इस एस्ट्रॉयड के नाम, साइज, स्पीड और दूरी को लेकर जानकारियां सामने आई हैं, आइए जानते हैं…

NASA Alert for Earth Asteroid Collision:– धरती पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने धरती और दुनिया के लिए डराने वाली भविष्यवाणी की है। नासा का अलर्ट है कि धरती की ओर एक एस्ट्रॉयड बढ़ रहा है, जो धरती से टकराकर तबाही मचा सकता है। नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL) में नियुक्त वैज्ञानिक इस एस्ट्रॉयड पर नजर बनाए हुए हैं।

हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि एस्ट्रॉयड धरती की और बढ़ रहा है, लेकिन यह धरती के करीब से सुरक्षित गुजर जाएगा। वहीं अगर अंतरिक्ष की दुनिया में कोई हलचल हुई तो इसकी दिशा बदल सकती है और यह धरती से टकराकर तबाही का कारण बन सकता है। अगर धरती और एस्ट्रॉयड की टक्कर हो जाए तो समुद्र में जलजला आ सकता है। इलेक्ट्रिसिटी और इंटरनेट शटडाउन हो सकता है। भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी आपदाएं आ सकती हैं।

एस्ट्रॉयड का नाम, स्पीड और दूरी

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्रॉयड का नाम 2025 BK है, जो 25 जनवरी 2025 को किसी भी समय धरती के करीब से गुजर सकता है। यह एस्ट्रॉयड करीब 160 फीट चौड़ा है और यह लंबाई एक हवाई जहाज के बराबर हे। एस्ट्रॉयड 23348 मील प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है।

यह एस्ट्रॉयड दोपहर बाद करीब 4 बजे धरती के पास से गुजरेगा। उस दौरान यह धरती से 3660000 मील की दूरी पर होगा और यह दूरी चंद्रमा से धरती की दूरी से 16 गुना ज्यादा है। हालांकि एस्ट्रॉयड के फ्लाईबाई से खतरा नहीं, लेकिन सौर तूफान इसे धरती के लिए आफत बना सकता है।

एस्ट्रॉयड पर नजर रखना बेहद जरूरी
रिपोर्ट के अनुसार, नासा के वैज्ञानिक कहते हैं कि अंतरिक्ष में आज से साढ़े 4 अरब साल पहले गैस और धूल कणों के गुबार थे, जो फटकर बड़ी-बड़ी चट्टानों के टुकड़े बन गए। यही चट्टानें एस्ट्रॉयड हैं, जो आज अंतरिक्ष में मंडरा रहे हैं और ग्रहों की परिक्रमा करते हुए धरती की ओर आते हैं, लेकिन अभी तक कोई एस्ट्रॉयड धरती की ग्रैविटी में नहीं आया है।

नासा इन ऑब्जेक्ट को देखने और ट्रैक करने के लिए रडार सिस्टम, दूरबीन और OSIRIS-REx जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है और समय-समय पर धरती पर मंडरा रहे खतरे से लोगों को अलर्ट करता रहता है, ताकि लोग खतरे से अपना बचाव कर सकें।

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