कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने एक पॉडकास्ट शो कहा है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनना और राम लला का वहां विराजमान होना, कहीं न कहीं इस बात का संकेत है कि घोर कलयुग ज्यादा दूर नहीं है।
उन्होंने बताया कि अभी कलयुग चल रहा है। मध्यकाल में कलयुग चरम पर होगा। इंद्रेश उपाध्याय ने शास्त्रों के हवाले से कहा कि कलयुग में भक्ति के उठने का उल्लेख धर्म ग्रंथों में है। लिखा गया है कि कलयुग में एक दौर ऐसा आएगा, जब लोगों में भक्ति का भाव जागेगा, लेकिन इसके बाद भक्ति में ऐसी गिरावट आएगी कि वह कभी नहीं उठ सकेगी।
रामजी का आगमन हम सबको चेतावनी है
- इंद्रेश उपाध्याय ने अनुसार, मैं अयोध्या गया और मैंने रामलला के दर्शन किए तो मन में दो तरह के भाव आए। एक तरफ खूब रौनक है। सड़कें बन चुकी हैं। भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हैं।
- उन्होंने आगे कहा- ‘यह सब ऐसा है मानो पिताजी के पास कहीं से पैसा आ जाए, तो वो पूरे घर को चमका देते हैं, लेकिन मेरी नजर में इसका एक दूसरा पहलू भी है, जिसे सभी को समझना चाहिए।’
- ‘मेरी नजर में रामलला का यह आगमन हम सभी के लिए एक संकेत, एक चेतावनी है। चेतावनी यह कि हमारे पास बहुत कम समय बचा है। जल्द ही घोर कलयुग आने वाला है। वह समय अब दूर नहीं है।’
- ‘हमें अपने धर्म और अपनी भक्ति पर और अधिक ध्यान देना होगा। शास्त्रों में लिखा है कि पहले भी ऐसा हुआ है। भक्ति खत्म होने से होने अचानक बढ़ती है। अभी वैसा ही हो रहा है।’
आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत भयावह समय
इंद्रेश उपाध्याय ने यह भी कहा कि हमें अपना भक्ति मार्ग और सुदृढ़ करना होगा। ऐसा करेंगे तो हमारा समय तो निकल जाएगा, लेकिन लगता है कि आने वाली पीढ़ी को समय बहुत भयावह हो सकता है।
काशी भी मिलेगा और मथुरा भी, लेकिन…
इंद्रेश उपाध्याय ने आगे कहा कि आगे चलकर काशी और मथुरा में भी हिंदुत्व की जीत होगी, लेकिन देखना यह है कि इसके साथ कलयुग भी तो आगे बढ़ रहा है। इसलिए अयोध्या, काशी, मथुरा में जो कुछ हो रहा है, उसे सनातनियों को एक संकेत या चेतावनी के रूप में लेना चाहिए।