कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु में मनाया जाने वाला कार्तिगई दीपम का त्योहार रोशनी और भक्ति का पर्व है। इस बार कोयंबटूर के ईशा योग सेंटर में यह त्योहार बहुत खास रहा। यहां आदियोगी की 112 फीट ऊंची मूर्ति के आसपास एक लाख से ज्यादा दीप जलाए गए। दीपों की रोशनी से पूरा वातावरण जगमगा उठा। यह नजारा इतना खूबसूरत था कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। भक्तों ने दीप जलाकर अपनी श्रद्धा दिखाई और इस पल को खास बना दिया। सद्गुरु ने इस मौके पर दीप जलाने का महत्व भी समझाया। ये आयोजन ऐसा था जिसे हर कोई हमेशा याद रखेगा।
कार्तिगई दीपम के शुभ अवसर पर कोयंबटूर के ईशा योग सेंटर में एक लाख से अधिक दीपक जलाए गए। यह आयोजन आध्यात्मिकता, ऊर्जा और प्रकृति का अद्भुत संगम था।
आदियोगी की 112 फीट ऊंची मूर्ति पर दीपों की रोशनी इस तरह बिखरी कि मूर्ति जैसे जीवंत हो उठी। हर दिशा से देखने पर ये दृश्य भक्तों के मन में गहरी भक्ति और शांति का भाव जगा रहा था।
ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीरों में आदियोगी और उसके चारों ओर जलते लाखों दीपकों का अद्भुत दृश्य सामने आया। यह नजारा ऐसा लग रहा था जैसे धरती पर आकाशगंगा उतर आई हो।
सूर्यकुंड मंडपम को दीपों से इस तरह सजाया गया था कि उसकी सुंदरता और बढ़ गई। इस जगह पर आने वाले हर भक्त को एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव हुआ।
ध्यानलिंग, जो ध्यान के लिए समर्पित है, दीपों की रोशनी से पूरी तरह जगमगा उठा। यहां हर भक्त को गहरी शांति और ध्यान का अनुभव हुआ, जो इस आयोजन को और खास बनाता है।
इस अवसर पर सद्गुरु ने भक्तों को संबोधित करते हुए दीप जलाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे रोशनी न केवल अंधकार को दूर करती है, बल्कि आत्मा में भी ज्ञान और ऊर्जा का संचार करती है।
आदियोगी की विशाल मूर्ति, चारों ओर जलते हुए दीपक और खुला आसमान, यह सब मिलकर एक ऐसा दृश्य बना रहे थे जो भक्ति और प्रकृति के अद्भुत संगम का प्रतीक था।
इस आयोजन में देशभर से हजारों भक्त शामिल हुए। उन्होंने दीप जलाकर अपनी श्रद्धा प्रकट की और कार्तिगई दीपम का आनंद लिया। यह आयोजन भक्तों के दिलों में एक नई ऊर्जा भर गया।
यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं था, बल्कि हर किसी के लिए एक यादगार अनुभव बना। आदियोगी की जगमगाहट और दीपों की रोशनी ने हर किसी के मन को गहराई तक छू लिया।