कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने सुसाइड कर लिया था। बिहार के समस्तीपुर निवासी अतुल ने 24 पेज का सुसाइड नोट लिखा और 90 मिनट का वीडियो बनाया। इनमें उसने अपनी पत्नी और ससुरालियों पर शोषण के आरोप लगाए। आरोपियों के नाम अतुल की पत्नी निकिता सिंघानियां, सास निशा, साला अनुराग और निकिता का चाचा सुशील है, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं, लेकिन सुसाइड नोट और वीडियो सामने आने के बाद फरार हो गए थे, लेकिन बेंगलुरु पुलिस ने निकिता, निशा, अनुराग को 15 दिसंबर दिन रविवार को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मीडिया को तीनों की गिरफ्तारी की जानकारी दी और यह भी बताया कि पुलिस को तीनों का सुराग कैसे मिला?
निकिता गुरुग्राम और मां-भाई प्रयागराज से मिले
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अतुल सुभाष सुसाइड केस के आरोपियों की गिरफ्तारी की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। बेंगलुरु पुलिस ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सुराग मिला कि निकिता गुरुग्राम में और उसकी मां-भाई प्रयागराज में छिपे हैं। पुलिस को 13 दिसंबर की रात को तीनों की लोकेशन मिली। पहले पुलिस ने निकिता को गुरुग्राम के सेक्टर-57 स्थित ब्लॉसम स्टेज पेइंग गेस्ट हाउस से दबोचा। फिर झूंसी में एक होटल में रेड मारी। इसके लिए पुलिस कर्मी मदर शिवप्पा और विनीथा ए डॉक्टर और नर्स बनकर होटल में रुकने गए। वहां होटल का रजिस्टर चेक करनेपर पता चला कि निशा और अनुराग रूम नंबर 111 में रुके थे तो पुलिस कर्मी रूम नंबर 101 और 108 में रुके। रातभर दोनों पर कर्मियों ने नजर रखी।
सर्विलांसिंग से ट्रेस हुई थी निकिता की लोकेशन
अगले दिन 15 दिसंबर की सुबह दोनों पुलिस कर्मी एक-एक करके कमरे में गए और उन दोनों से बातचीत की। इसके बाद दोनों को लेकर पुलिस कर्मी एक कैब बुक करके एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से फ्लाइट पकड़कर बेंगलुरु आए। निकिता तक पुलिस को उसकी एक गलती ने पहुंचाया। पुलिस ने उस कंपनी से निकिता का मोबाइल नंबर लिया, जहां वह काम करती थी। पुलिस ने नंबर को सर्विलांस पर रखा। सर्विलांस के दौरान पुलिस को निकिता की लोकेशन मिली, क्योंकि वह मोबाइल इस्तेमाल कर रही थी और मां-भाई से लगातार बात कर रही थी। इसलिए वह पुलिस के हाथ लग गई। बेंगलुरु के मारथली थाने की एक टीम केस के डॉक्यूमेंट जुटा रही है। दूसरी टीम निकिता की तलाश में थी और तीसरी टीम उसके मां और भाई की तलाश में थी।