कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैगा चित्रकारी की पहचान बन चुकीं पद्मश्री से सम्मानित जोधइया बाई बैगा का रविवार की शाम मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित उनके ग्राम लोढ़ा में निधन हो गया। वह करीब 86 वर्ष की थीं और 11 महीनों से बीमार चल रहीं थीं। उनके शरीर का दाहिना हिस्सा इसी साल 24 जनवरी को पैरालाइसिस से ग्रस्त हो गया था।
पद्मश्री सम्मान
22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोधइया बाई से चर्चा कर हाल जाना था। इस पर जोधइया बाई ने कहा था कि उन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है। इस चर्चा के कुछ समय बाद जोधइया बाई को आवास उपलब्ध करा दिया गया था।
नारी शक्ति सम्मान
वर्ष 2022 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति सम्मान दिया था। जोधइया शांति निकेतन विश्वभारती विश्वविद्यालय, नेशनल स्कूल आफ ड्रामा, आदिरंग कार्यक्रम में शामिल हुईं और सम्मानित हुईं। मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय भोपाल में जोधइया बाई के नाम से एक स्थाई दीवार बनी हुई है, जिस पर इनके बनाए चित्र लगे हैं।
देश-विदेश में बैगा चित्रकारी
मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न सिर्फ जोधइया बाई को सम्मानित किया था, बल्कि वह उनसे मिलने के लिए लोढ़ा गांव भी पहुंच गए थे। जोधइया बाई की बनाई पेंटिंग देश-विदेश में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में प्रदर्शित की जाती रही हैं।
इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, जापान सहित अन्य देशों में उनकी बैगा चित्रकारी की प्रदर्शनी लगाई जा चुकी हैं। केरल, बंगाल और बिहार में भी उन्हें सम्मानित किया गया था।