कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, सशस्त्र बलों और पुलिस संगठनों को उनकी विशिष्ट सेवाओं और अनुकरणीय कर्तव्यनिष्ठा के लिए मिलने वाला ‘राष्ट्रपति का निशान (प्रेसिडेंट्स कलर्स)’ देश का सर्वोच्च सम्मान है। इसे देश के गृह मंत्री अमित शाह 15 दिसंबर को रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड मैदान में सुबह 10:30 बजे पुलिस को प्रदान करेंगे।
हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस को यह गौरव प्रदान किया गया है। यह सम्मान राज्य पुलिस के उन अद्वितीय प्रयासों और उपलब्धियों को मान्यता देता है, जो उन्होंने नक्सलवाद और अन्य चुनौतियों से निपटने में हासिल की हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान उसकी स्थापना के केवल 24 वर्षों के भीतर प्राप्त हुआ है, जो इसे यह गौरव पाने वाले सबसे युवा पुलिस बलों में से एक बनाता है। 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद इस पुलिस बल का गठन किया गया।
इतने कम समय में उन्होंने नक्सलवाद जैसी जटिल चुनौतियों से निपटते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ पुलिस के अद्वितीय समर्पण और प्रभावशाली कार्य प्रणाली का प्रमाण है।
छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान क्यों?
नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष: राज्य लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पुलिस ने दुर्गम क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों का डटकर सामना किया है और सफलतापूर्वक शांति बहाल की है। उनके अभियानों में साहस, समर्पण और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा मेल देखने को मिला।
सामुदायिक पुलिसिंग: राज्य पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आदिवासी युवाओं को रोजगार, शिक्षा और पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं चलाईं। इसके जरिए पुलिस ने आम जनता और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास कायम किया।
आधुनिक तकनीक और विशेष बल: राज्य पुलिस ने अपराध नियंत्रण और नक्सल विरोधी अभियानों में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। विशेष बल, जैसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (डीआरजी) ने नक्सलियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।
नक्सलवाद पर शाह के रोडमैप मिली सफलता
तीन वर्ष के भीतर नक्सलवाद को समाप्त करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प रंग ला रहा है। जनवरी 2024 में शाह ने नक्सल विरोधी मुहिम के लिए जो रोडमैप तैयार किया, उसका असर एक वर्ष के भीतर दिखा है।
जनवरी से लेकर अब तक 215 नक्सली मारे गए हैं। 874 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 787 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। गिरफ्तार व आत्मसमर्पित समेत डेढ़ हजार नक्सली ठिकाने लगा दिए गए। अब बस्तर के युवा नक्सलवाद की ओर आकर्षित न हों, इसके लिए सरकार ने उन्हें हर आधुनिक सुविधा से जोड़ने की रणनीति बनाई है।
16 दिसंबर को शाह जगदलपुर में नक्सल अभियानों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर उनके स्वजन व नक्सल हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के साथ मुलाकात भी करेंगे। इसके बाद जगदलपुर में सुरक्षा कैंप का दौरा और विकास कार्यों का निरीक्षण कर जवानों के साथ भोजन करेंगे।