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Tuesday, December 24, 2024

बच्चे की परवरिश करते श्वेता ने किया टॉप, रोचक है सिविल जज परीक्षा के टापर्स की कहानी

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कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की ओर से बुधवार को सिविल जज भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी कर दिए गए हैं। रायपुर की श्वेता दीवान ने टॉप किया है।टॉप-10 में सात महिला अभ्यर्थी चयनित हुई हैं। महिमा शर्मा, निखिल साहू, प्रियादर्शन गोस्वामी, आयुषी शुक्ला, भामिनी राठी, नंदिनी पटेल, आरती ध्रुव, अदिति शर्मा, द्वयु सिंह सेंगर क्रमश: टाप-10 में चयनित हुए हैं।
बच्चे की परवरिश के साथ तैयारी कर किया टॉप
रायपुर के महादेव घाट की रहने वाली श्वेता दीवान ने बताया कि पिछली बार भी साक्षात्कार तक पहुंची थी, लेकिन चयन नहीं हो पाया था। इस बार उनका यह प्रयास सफल रहा। बीते वर्षों की गलतियों को सुधारते हुए प्रतिदिन क्रमिनल और सिविल जजमेंट लिखती थी और इस बार टॉप किया।
इंटरव्यू में राम जन्मभूमि, मदरसा एक्ट जैसे सवाल
श्वेता ने बताया कि 20 मिनट तक साक्षात्कार चला, जिसमें यूपी मदरसा एक्ट, राम जन्मभूमि फैसला, धारा 370, कोलकता में हुई घटना के संदर्भ में आया अपराजिता बिल, पंचायती राज से प्रश्न पूछे गए थे।
छोटे बच्चे की परिवरिश के साथ तैयारी
छोटे बच्चे की परिवरिश करते हुए उसने यह तैयारी की है। इस दौरान परिवार का भरपूर सहयोग मिला। पिता सतीश कुमार तिवारी और मा करुणा तिवारी गृहणी है। पति सुयश धर दीवान वन विभाग में एसडीओ है और वर्तमान पंडरिया में पदस्थ हैं।
आठ से 10 घंटे पढ़ाई किया, दूसरे प्रयास में मिली सफलता
अभनपुर के रहने वाले निखिल साहू को तीसरी रैंक मिली है। उन्हें यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। पहली बार में मेंस दिए थे। मेंस क्लीयर नहीं हो पाया था। निखिल ने बताया कि प्रतिदिन आठ से 10 घंटे पढ़ाई किया। पिछले वर्षों के प्रश्नों को हल किया। जो टॉपिक गलत होता था, उसकी अच्छे से तैयारी किया। माक इंटरव्यू भी दिया।
सिविल और क्रमिनल जजमेंट लिखकर अभ्यास किया। कोचिंग में जो भी पढ़ाया जाता था, उसे उसी दिन अच्छे से पढ़ता। उसके बारे में अच्छी जानकारी जुटाता था। जिसक मुझे फायदा मिला। पिता भगवान सिंह साहू सेवानिवृत्त व्याख्याता है। मां हेमलता साहू शिक्षिका हैं।
45 दिन में 45 पेपर साल्व किया, यूट्यूब से लेक्चर सुना
पंडरी की रहने वाली आयुषी शुक्ला भी दूसरे प्रयास में सफल हो पाई हैं। पिछली बार इंटरव्यू दिया था। 30वीं रैंक मिली थी। उन्होंने बताया कि प्रीलिम्स की तैयारी के लिए पुराने वर्षों के पेपर साल्व किया। जितना समय पढ़ने में देती थी, उतना समय ही पुराने पेपर भी साल्व किया।
मेंस की तैयारी के लिए 45 दिन में 45 फुललेंथ पेपर साल्व किए। सिविल और क्रमिनल जजमेंट लिखा। जो टॉपिक समझ में नहीं आता था, उसके लिए यूट्यूब से लेक्चर सुनी। मॉक इंटरव्यू भी बहुत दिए।
पहली बार में जब चयन नहीं हुआ था तो उदास हुई। परिवार के सहयोग से अच्छी तैयारी कर पाई। मुझे ये सफलता मिली। पिता सुशील शुक्ला सिविल कांट्रैक्टर और मां रानी शुक्ला सब इंस्पेक्टर मिनिस्ट्रियल हैं।
दूसरे प्रयास में मिली सफलता
लोरमी के रहने वाले क्षितिज नवरंग ने 16वां रैक हासिल की है। क्षितिज ने बताया कि इंटरव्यू में नवा रायपुर स्थित नंदनवन जंगल सफारी को लेकर प्रश्न पूछे गए। क्षेत्रफल कितना, जंगल सफारी कहां है। इसी तरह प्रदेश के टाइगर रिजर्व के बारे में बारे में पूछे गए।
क्षितिज ने बताया कि सफलता दूसरी प्रयास में मिला है। पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचा था। वहीं पिता ताम्रध्वज नवरंग किसान है और मां छल देवी नवरंग शिक्षिका है। क्षितिज चार भाई-बहनों में दूसरा नंबर का है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जाने के लिए शुरू से मेहनत की। अंतत: सफलता मिली।

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