कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के मुताबिक, तारीख: 11 दिसंबर 2024
अवसर: मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती
महत्व: वह दिन जब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
पूजा करना:
तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
केसर वाले दूध से अभिषेक करें।
मुक्ति का मार्ग खोलने के लिए भगवद गीता पढ़ें।
कमजोर बृहस्पति के लिए अनुष्ठान:
गुरु देव का आशीर्वाद पाने के लिए केले के पेड़ की पूजा करें, ऐसा माना जाता है कि यह विवाह की संभावनाओं और भाग्य को बढ़ाता है।
आज का पंचांग (11 दिसंबर 2024)
तिथि: एकादशी 12 दिसंबर को रात्रि 1:09 बजे तक
पक्ष: शुक्ल
दिन: बुधवार
नक्षत्र: रेवती प्रातः 11:48 तक, तत्पश्चात अश्विनी
योग: वारियान शाम 6:48 बजे तक
समय विवरण
इवेंट फक्त
सूर्योदय प्रातः 7:03 बजे
सूर्यास्त 5:25 अपराह्न
चंद्रोदय 2:05 अपराह्न
राहु काल 12:15 अपराह्न – 1:32 अपराह्न
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:46 बजे से प्रातः 5:37 बजे तक
घोधुली मुहूर्त: शाम 5:21 – शाम 5:48 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 1:59 बजे – दोपहर 2:44 बजे तक
अमृत काल: 9:34 पूर्वाह्न – 11:03 पूर्वाह्न
निशिता काल: 11:46 अपराह्न – 12:41 पूर्वाह्न (12 दिसंबर)
अशुभ समय
यमगंड: 8:22 पूर्वाह्न – 9:39 पूर्वाह्न
गुलिक काल: सुबह 10:57 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक
पंचक: प्रातः 7:04 बजे से प्रातः 11:48 बजे तक
भद्रा काल: 2:27 अपराह्न – 1:09 पूर्वाह्न (अगले दिन)