कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के अनुसार, विवाह पंचमी का पूजनीय त्योहार, जो हिंदू संस्कृति में महत्वपूर्ण महत्व रखता है, 2024 में 18 दिसंबर को मनाया जाने वाला है। यह समारोह, भगवान राम और देवी के दिव्य मिलन को समर्पित है। सीता, विवाह की पवित्रता का प्रतीक है और विशेष रूप से मजबूत रामायण परंपराओं वाले क्षेत्रों में मनाया जाता है।
प्रमुख शुभ समय:
विवाह पंचमी अनुष्ठान में भाग लेने की योजना बनाने वालों के लिए, यह दिन कई शुभ क्षण प्रस्तुत करेगा। ‘कन्या दान’ (दुल्हन को विदा करना) जैसे समारोह आयोजित करने के लिए सबसे अनुकूल समय सुबह 11:15 बजे से दोपहर 12:45 बजे के बीच माना जाता है, जहां माना जाता है कि आकाशीय संरेखण मिलन को आशीर्वाद देते हैं और पारिवारिक खुशी सुनिश्चित करते हैं।
अनुष्ठान और परंपराएँ:
प्रतिभागी आम तौर पर सामंजस्यपूर्ण वैवाहिक बंधन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्य से विभिन्न अनुष्ठानों में संलग्न होते हैं। भक्त अक्सर अपने घरों को फूलों से सजाते हैं, पवित्र प्रार्थनाएँ करते हैं और उपवास करते हैं। माना जाता है कि देवताओं को चढ़ाए गए विशेष प्रसाद से वैवाहिक संबंधों की पवित्रता और आनंद मजबूत होता है।
विवाह पंचमी में राम और सीता के जीवन को दर्शाते जटिल जुलूस और नाटक भी शामिल हैं, जो सांप्रदायिक बंधन को बढ़ाते हैं और नैतिक मूल्यों को मजबूत करते हैं। भगवान राम को समर्पित मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है, जो फूल चढ़ाकर, दीपक जलाकर और भक्ति गीतों के साथ इस शुभ दिन को मनाने के लिए एक साथ आते हैं।