कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के मुताबिक, तारीख: 22 नवंबर 2024
अवसर: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को काली भैरव जयंती मनाई जाती है।
पूजे जाने वाले देवता: भगवान कृष्ण और राधा।
महत्व: भगवान शिव के उग्र रूप काली भैरव की पूजा इच्छाओं की पूर्ति और घर में शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए की जाती है।
ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि:
आज कई शुभ योग बन रहे हैं, जो पूजा-पाठ के प्रभाव को बढ़ाएंगे।
सुबह 11 बजकर 34 मिनट तक ब्रह्म योग, उसके बाद इंद्र योग रहेगा।
आज रवि योग भी बन रहा है, जो सकारात्मक परिणाम देने वाला माना जाता है।
शुभ मुहूर्त (शुभ समय):
सूर्योदय: प्रातः 6:50 बजे
सूर्यास्त: शाम 5:25 बजे
चंद्र उदय (चंद्रोदय): रात्रि 11:41 बजे
चंद्र अस्त (चंद्रास्त): दोपहर 12:35 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 5:02 बजे से प्रातः 5:56 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 1:53 बजे से दोपहर 2:35 बजे तक
घोधुली मुहूर्त: शाम 5:22 बजे से शाम 5:49 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 11:41 बजे से 12:34 बजे तक
शुभ करण (उपग्रह):
बव और बलव करण नए उद्यम शुरू करने के लिए अनुकूल हैं।
अशुभ समय:
राहु काल: सुबह 10:48 बजे से दोपहर 12:07 बजे तक
गुलिक काल: प्रातः 8:09 बजे से प्रातः 9:28 बजे तक
दिशा शूल (अशुभ दिशा): पश्चिम
ताराबल (सितारों की ताकत):
अनुकूल नक्षत्रों में अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूला, पूर्वा आषाढ़, श्रवण, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, रेवती शामिल हैं।
चंद्रबाला (चंद्रमा शक्ति):
अनुकूल राशियों में वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुंभ शामिल हैं।
आज का पंचांग
