कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, बिलासपुर हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें कहा गया है कि मेडिकल कॉलेजों में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) छात्रों का प्रवेश रद्द नहीं किया जाएगा। यह निर्णय कई छात्रों और उनके परिवारों के लिए राहत लेकर आया है जो अपने प्रवेश रद्द होने की संभावना को लेकर चिंतित थे।
अदालत का फैसला एनआरआई छात्रों के लिए प्रवेश नीतियों को लेकर चल रही बहस को संबोधित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि जिन लोगों ने मेडिकल संस्थानों में सीटें सुरक्षित कर ली हैं, वे बिना किसी रुकावट के अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं। इस फैसले को एनआरआई के लिए शैक्षिक अवसरों में समावेशिता बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जाता है।
कानूनी विशेषज्ञों ने कहा है कि यह निर्णय एनआरआई छात्रों के अधिकारों को मजबूत करता है और स्थापित प्रवेश दिशानिर्देशों के पालन के महत्व पर जोर देता है। इस फैसले से पूरे क्षेत्र के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई छात्रों से संबंधित भविष्य के प्रवेश और नीतियों पर स्थायी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
जैसे ही यह खबर फैलती है, छात्र और अभिभावक अदालत के हस्तक्षेप के लिए अपना आभार व्यक्त कर रहे हैं, जिसने उनकी शैक्षिक गतिविधियों के संबंध में स्पष्टता और आश्वासन प्रदान किया है। संबंधित मेडिकल कॉलेज अब अदालत के निर्देश के अनुसार इन छात्रों के लिए शैक्षणिक प्रक्रियाओं को जारी रखने की तैयारी कर रहे हैं।
मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई छात्रों के प्रवेश रद्द करने के खिलाफ बिलासपुर उच्च न्यायालय के नियम
