कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के अनुसार, अक्टूबर में पूर्णिमा के दौरान मनाई जाने वाली शरद पूर्णिमा हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन को न केवल उत्सवों द्वारा बल्कि पारंपरिक चावल की खीर, खीर की तैयारी द्वारा भी चिह्नित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ अवसर पर खीर बनाना और सेवन करना कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्रभावी उपाय के रूप में काम कर सकता है।
खीर के स्वास्थ्य लाभ
खीर चावल, दूध, चीनी और विभिन्न मसालों का उपयोग करके बनाई जाती है, जो मिलकर एक पौष्टिक व्यंजन बनाते हैं। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर खीर का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं, त्वचा की समस्याएं और यहां तक कि तनाव संबंधी विकार भी दूर हो सकते हैं। खीर में उपयोग की जाने वाली सामग्रियां अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती हैं, जो इसे आहार में एक पौष्टिक जोड़ बनाती हैं।
तैयारी के लिए समय
शरद पूर्णिमा के दौरान खीर के लाभों को अधिकतम करने के लिए, इसे रात में चांदनी के नीचे बनाने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह अभ्यास व्यंजन की शक्ति और पोषण मूल्य को बढ़ाता है। भक्त अक्सर तैयार खीर को खाने से पहले चांदनी को सोखने के लिए बाहर रख देते हैं।