कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप टीम के अनुसार, टूर्नामेंट में अब तक सिर्फ 4.08 की इकोनॉमी रेट के साथ, बुमराह की असाधारण गेंदबाजी ने उन्हें लगभग अजेय बना दिया है। विरोधी टीमें ज्यादा नुकसान उठाए बिना उनके ओवरों को निपटाने की कोशिश में रहती हैं।
दूसरी ओर, कुलदीप यादव ने बीच के ओवरों में विपक्षी टीम की पारी पर ब्रेक लगाने का काम किया है। उनकी विविधताओं और कसी हुई गेंदबाजी ने दबाव बनाया, जिससे महत्वपूर्ण विकेट मिले, जैसा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में देखा गया।
नई गेंद से बुमराह की महारत और बीच के ओवरों में कुलदीप के प्रभाव के संयोजन ने विरोधी टीमों के लिए भारत के खिलाफ स्वतंत्र रूप से स्कोर करना कठिन बना दिया है। इससे कप्तान रोहित शर्मा को गेंदबाजी आक्रमण के प्रबंधन में अधिक विकल्प और लचीलापन मिला है।
जबकि बुमराह की क्लास कभी भी संदेह में नहीं थी, कुलदीप का प्रदर्शन एक सुखद आश्चर्य रहा है, जिसने मोहम्मद सिराज की अनुपस्थिति से छोड़े गए शून्य को भर दिया है। कैरेबियन में बदलती परिस्थितियों के अनुरूप ढलने की टीम की क्षमता उनकी अब तक की सफलता में एक महत्वपूर्ण कारक रही है।