कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के मुताबिक, तारीख: 12 दिसंबर 2024 (गुरुवार)
उत्सव:
मोक्षदा एकादशी पारण
मत्स्य द्वादशी
तिथि विवरण:
द्वादशी तिथि 12 दिसंबर को रात्रि 10:26 बजे तक रहेगी।
तत्पश्चात् त्रयोदशी तिथि में संक्रमण।
मत्स्य द्वादशी का महत्व:
यह भगवान विष्णु के पहले अवतार मत्स्य (एक दिव्य मछली) के रूप में मनाया जाता है।
मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है।
रिवाज:
भोर में शुद्धिकरण स्नान से शुरुआत करें।
मत्स्य रूप में भगवान विष्णु का सम्मान करने के लिए एक वेदी स्थापित करें।
दान पर जोर दिया जाता है, माना जाता है कि इससे कर्म संतुलन में सुधार होता है और कठिनाइयों से राहत मिलती है।
ज्योतिषीय विवरण:
सूर्योदय प्रातः 7:05 बजे, सूर्यास्त सायं 5:25 बजे।
13 दिसंबर को चंद्रोदय लगभग 2:43 बजे, चंद्रास्त सुबह 4:43 बजे।
नक्षत्र सूचना:
अश्विनी नक्षत्र प्रातः 9:52 बजे तक, तत्पश्चात भरणी नक्षत्र में संक्रमण।
ग्रहों की स्थिति:
मेष राशि में चंद्रमा।
सूर्य वृश्चिक राशि (वृश्चिक) में।
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:15 बजे से सुबह 6:10 बजे तक
प्रातः संध्या: प्रातः 5:43 से प्रातः 7:05 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 1:58 बजे से दोपहर 2:40 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:23 बजे से शाम 5:50 बजे तक
सायाह्न संध्या: शाम 5:25 बजे से शाम 6:47 बजे तक
निशिता मुहूर्त: 13 दिसंबर को रात 11:48 बजे से 12:43 बजे तक
अशुभ समय:
राहु कालम्: दोपहर 1:33 बजे से दोपहर 2:50 बजे तक
यमगंडा मुहूर्त: सुबह 7:05 बजे से सुबह 8:22 बजे तक
गुलिकाई कलाम मुहूर्त: रात्रि 9:40 बजे से रात्रि 10:57 बजे तक