कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के अनुसार, रायगढ़ वर्तमान में अपने जीवंत स्विंग फेस्टिवल की मेजबानी कर रहा है, जो स्थानीय लोगों और आगंतुकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है, जो मथुरा और वृंदावन के प्रसिद्ध समारोहों की याद दिलाता है। बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित करता है।
इस कार्यक्रम में खूबसूरती से सजाए गए झूले हैं, जिन्हें “झूला” के नाम से जाना जाता है, जो त्योहार की खुशी का प्रतीक है। परिवार और बच्चों सहित प्रतिभागी, झूलों का आनंद लेने और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए इकट्ठा होते हैं। वातावरण संगीत, नृत्य और पारंपरिक प्रदर्शन से भरा हुआ है जो स्थानीय रीति-रिवाजों को उजागर करता है।
स्थानीय कारीगरों और विक्रेताओं ने भी स्टाल लगाए हैं, जो विभिन्न प्रकार के पारंपरिक शिल्प, भोजन और मिठाइयाँ पेश करते हैं, जो उत्सव की भावना को बढ़ाते हैं। यह त्यौहार न केवल मनोरंजन प्रदान करता है बल्कि सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए स्थानीय संस्कृति और शिल्प को भी बढ़ावा देता है।
रायगढ़ में स्विंग फेस्टिवल ने सफलतापूर्वक बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित किया है, जिससे यह क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम बन गया है। जैसे-जैसे उत्सव जारी रहेगा, उम्मीद है कि यह त्योहार सामुदायिक बंधनों को मजबूत करेगा और प्रतिभागियों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देगा, मथुरा और वृंदावन के प्रसिद्ध उत्सवों की तरह।
रायगढ़ के झूला महोत्सव में उमड़ी भीड़, मथुरा-वृंदावन उत्सव की झलक
