कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने उत्तराखंड में चार धाम तीर्थयात्रा सर्किट के समान राज्य की पांच शक्तिपीठों को जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस कदम का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है।
इस सर्किट का हिस्सा बनने वाले पांच शक्तिपीठ डोंगरगढ़ में माता बम्लेश्वरी देवी मंदिर, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी माता मंदिर, बीजापुर में शबरी माता मंदिर, राजिम में महामाया मंदिर और चंदखुरी में महिषासुर मर्दिनी मंदिर हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इन मंदिरों के बीच तीर्थयात्रियों की सुचारू आवाजाही की सुविधा के लिए सड़कों, पुलों और आवास सुविधाओं सहित बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। इस परियोजना में इन स्थलों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की बहाली और संरक्षण भी शामिल होगा।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी देना छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन के पसंदीदा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार को आगामी बजट में शक्तिपीठ सर्किट के विकास के लिए धन आवंटित करने की उम्मीद है।
चार धाम तीर्थयात्रा, जिसमें उत्तराखंड में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के मंदिर शामिल हैं, एक लोकप्रिय धार्मिक सर्किट है जो हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। छत्तीसगढ़ सरकार को राज्य की अद्वितीय शक्तिपीठों को प्रदर्शित करने वाला एक समान सर्किट बनाकर चार धाम की सफलता को दोहराने की उम्मीद है।
शक्तिपीठ सर्किट के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने और इन मंदिरों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। यह राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी योगदान देगा और अंतरधार्मिक संवाद और सद्भाव को बढ़ावा देगा।
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, उत्तराखंड में चार धाम तीर्थयात्रा सर्किट के समान पांच प्रमुख शक्ति मंदिरों को जोड़ने की योजना बना रही है।
