कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आ रही है। इस प्रवृत्ति के पीछे एक प्रमुख कारण यह है कि छात्रों को इन प्रतियोगी परीक्षाओं की पर्याप्त तैयारी के लिए समय और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी में मदद करने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। ऐसी ही एक पहल दिल्ली में छात्रावासों की स्थापना है, जहां राज्य के अधिक छात्रों को समायोजित करने के लिए सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने कहा कि सरकार आदिवासी छात्रों के लिए ‘प्रेरणा संस्थान’ पहल चला रही है और इस कार्यक्रम के तहत 14 और केंद्र खोलने के लिए काम कर रही है। इस प्रयास का उद्देश्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता करना और उनके करियर को आगे बढ़ाना है।
राज्य सरकार का लक्ष्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में सहायता करना और उनका भविष्य सुरक्षित करना है। इस दिशा में उठाए गए कदमों से छात्रों को महत्वपूर्ण सहायता मिलने और इन प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है।
छत्तीसगढ़ में प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों की घटती संख्या के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि उन्हें इन परीक्षाओं की पर्याप्त तैयारी के लिए समय और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
