कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है, आने वाले दिनों में कीमतों में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। मूल्य वृद्धि में योगदान देने वाले कई प्रमुख कारक हैं:
आपूर्ति में कमी: राज्य में टमाटर की आपूर्ति 60% कम हो गई है, जिससे बाजार में इसकी कमी हो गई है।
बढ़ी मांग: त्योहारी सीजन के कारण टमाटर की मांग बढ़ गई है, जिससे कीमतों पर दबाव बढ़ गया है।
फसल को नुकसान: मानसून से पहले लंबे समय तक चलने वाली गर्मी ने टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिससे कुल उत्पादन कम हो गया है।
परिवहन मुद्दे: टमाटर ले जाने वाले ट्रकों की संख्या 20 से घटकर 6-8 हो गई है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और कीमतें बढ़ गई हैं।
थोक और खुदरा कीमतें
टमाटर के थोक दाम में 10 रुपये का इजाफा हुआ है. केवल 24 घंटों में 400 रुपये, वर्तमान कीमत रुपये से लेकर। 40-50 प्रति किलो. खुदरा विक्रेता टमाटर लगभग 20 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं। स्थानीय बाजारों में 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
कीमतों में बढ़ोतरी ने उपभोक्ताओं को काफी प्रभावित किया है, कई लोग टमाटर की बढ़ी हुई लागत वहन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेख में कहा गया है कि देश के अन्य हिस्सों में भी स्थिति समान है, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में भीषण गर्मी के कारण टमाटर की कीमतें बढ़ रही हैं।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी टमाटर की नई फसल के आने तक जारी रहने की उम्मीद है, जिसकी कटाई आमतौर पर मानसून के मौसम में की जाती है।