कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने विभिन्न क्षेत्रों में जून में भीषण गर्मी पड़ने की चेतावनी दी है। इस आसन्न मौसम की चुनौती के जवाब में, आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने लोगों को चिलचिलाती तापमान से निपटने में मदद करने के लिए प्राकृतिक उपचारों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक गर्मी से निपटने के लिए अपने आहार में ठंडी जड़ी-बूटियों और खाद्य पदार्थों को शामिल करने का सुझाव देते हैं। इनमें पुदीना, धनिया, खीरा और तरबूज जैसे तत्व शामिल हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और जलयोजन प्रदान करने में मदद कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, आयुर्वेदिक उपचार त्वचा को आराम देने और तेज़ धूप से बचाने के लिए उस पर नारियल या एलोवेरा जैसे ठंडे तेल लगाने की सलाह देते हैं। हाइड्रेटेड रहना, भारी भोजन से परहेज करना और हल्के योग या ध्यान का अभ्यास करने से भी हीटवेव के शारीरिक और मानसिक तनाव को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।
आयुर्वेद के समय-परीक्षणित ज्ञान का लाभ उठाकर, व्यक्ति इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान अपनी भलाई को प्राथमिकता देते हुए, आगामी हीटवेव के लिए तैयार होने और उसे सहन करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपना सकते हैं।
आसन्न लू को मात देने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
