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Monday, June 2, 2025

Tirupati में कैसे मची मगदड़? प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई आंखोंदेखी, जानें गलती किसकी?

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Tirupati Mandir Stampede Inside Story:- आंध्र प्रदेश की तिरुमला पहाड़ी पर बने विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ कैसे मची? इसका असली कारण सामने आ गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को हादसे की आंखोंदेखी सुनाई। प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि लोगों के आपसी झगड़े ने ही 6 लोगों की जान ली। अफरातफरी मचने से लोग एक दूसरे के ऊपर गिर गए। एक दूसरे के पैरों तले कुचले गए।

प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि तिरुपति मंदिर में मची भगदड़ का कारण टोकन लेने आए लोग ही हैं। मंदिर के सुरक्षाकर्मी अपनी ड्यूटी पर थे। लोग लाइन में लगे थे, लेकिन कुछ लोग एक दूसरे से पहले टोकन लेने की होड़ में थे। इसी होड़ में लोगों में तू-तू, मैं-मैं हो गई। लोग आपस में झगड़ा करने लगे और बात धक्कामुक्की तक पहुंच गई। इसके बाद भगदड़ और चीख पुकार मच गई।

भगवान तिरुपति के दर्शन के लिए बंट रहे थे टोकन


रिपोर्ट के अनुसार, मरने वाले लोगों में 42 साल की अलगरणी, 53 साल की वेंकटलक्ष्मी, 23 साल का रघु पुजारी, 50 साल के तिम्मक्का, 27 साल की नरसम्मा, 25 साल के मुनिरेड्डी और 40 साल के गणेश शामिल हैं। घायलों का उपचार जारी है और वे खतरे से बाहर हैं, लेकिन लोगों के आपसी झगड़े में ही लोगों की जान दांव पर लगी। दरअसल, भगवान तिरुपति के दर्शन करने के लिए वैकुंठ द्वार पर टोकन बंट रहे थे, जिसके लिए 91 काउंटर बने थे, लेकिन दर्शन करने के लिए करीब 4000 लोग मंदिर पहुंचे।

लोग लाइन में खड़े होकर टोकन ले रहे थे और सुरक्षाकर्मी उन्हें लाइन में व्यवस्थित कर रहे थे कि अचानक धक्कामुक्की होने लगी और लोग एक दूसरे के ऊपर गिर गए। इसके बाद चीख पुकार मच गई। लोग इधर उधर भागने लगे। फिर अचानक सन्नाटा छा गया और बेहोश-घायल लोग पड़े मिले। पुलिस और मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने लोगों के साथ मिलकर बचाव अभियान चलाया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को हादसे की आंखोंदेखी बताई। आइए जानते हैं कि आखिर वास्तव में क्या हुआ था?

मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ने दर्ज कराए बयान


रिपोर्ट के अनुसार, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने पुलिस को भी बयान दिए। उन्होंने पुलिस को बताया कि वैकुंठ द्वार को 10 जनवरी को भगवान तिरुपति के दर्शन करने के लिए खोला जाना था। 19 जनवरी तक लोग दर्शन कर सकते हैं। सुबह साढ़े 4 बजे से VIP लोग दर्शन करते और 8 बजे से आम लोग दर्शन करते।

सभी ठीक ढंग से दर्शन कर सकें और सुरक्षा भी बनी रहे, इसलिए टोकन बांटे जा रहे थे, लेकिन लोगों को सिस्टम से की गई चीज भी हजम नहीं हुई। टोकन सभी को मिलता, जो रह जाते उनके लिए टोकन का इंतजाम करते, लेकिन टोकर लेने की होड़ में वे आपस में झगड़ पड़े। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। भगदड़ का कारण लोग ही हैं, मंदिर प्रशासन की इसमें कोई गलती नहीं।

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