कॉइन मीडिया न्यूज ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के कारण बालोद में बच्चों की शिक्षा को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। योग्य शिक्षकों की कमी छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता और सीखने के परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, जिससे माता-पिता और समुदाय के सदस्यों के बीच चिंताएं बढ़ रही हैं।
रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कई स्कूल शिक्षण पदों को भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप कक्षाओं में भीड़भाड़ हो गई है और छात्रों के लिए व्यक्तिगत ध्यान अपर्याप्त है। पर्याप्त शिक्षण स्टाफ की अनुपस्थिति ने स्कूलों को अस्थायी व्यवस्थाओं पर निर्भर रहने के लिए मजबूर कर दिया है, जिनमें अक्सर प्रभावी शिक्षण के लिए आवश्यक स्थिरता और गुणवत्ता का अभाव होता है।
माता-पिता ने अपने बच्चों की शैक्षणिक प्रगति पर इस स्थिति के नकारात्मक प्रभाव को उजागर करते हुए अपनी निराशा व्यक्त की है। वे स्थानीय अधिकारियों से शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान कर रहे हैं कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
शिक्षा अधिकारी समस्या को स्वीकार करते हैं लेकिन बजट की कमी और योग्य शिक्षकों की भर्ती में कठिनाइयों सहित विभिन्न चुनौतियों का हवाला देते हैं। वे संभावित समाधान तलाश रहे हैं, जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने के लिए शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन बढ़ाना और मौजूदा कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करना।
बालोद में शिक्षकों की कमी से जूझ रही बच्चों की पढ़ाई
